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Showing posts from January, 2019

हनुमान सिध्दी

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हनुमान मंत्र सिद्धि हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग/ हनुमान मंत्र फॉर सक्सेस इन एग्जाम/ जॉब हनुमान शाबर मंत्र फॉर वशिकरण- कलियुग में हनुमान जी सबसे प्रभावशाली देवता माने जाते हैं। मान्यता है, कि किसी भी देवी देवता की अपेक्षा हनुमान जी जल्दी दुखियों की बात सुनते हैं और मनोकामना पूर्ण करते हैं। इसका कारण यह है कि धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी आज भी इस दुनिया में सदेह उपस्थित हैं तथा राम भक्ति लीन हैं। याचक राम की दुहाई देकर कुछ भी मांगे तो वह उससे विमुख नहीं हो सकते। चाहे वह मनोकामना दाम्पत्य सुख, शिक्षा-दीक्षा, नौकरी प्रमोशन ही क्यों न हो। विशेष रूप से शनि दोष से ग्रस्त जातकों के समस्या निवारण में हनुमान जी की आराधना के अलावा कोई अन्य चारा नहीं है| इसमें निषेध सिर्फ कलुषित भावना से की गई आराधना है। ऐसे में, विपरीत प्रभाव से भी इंकार नहीं किया जा सकता। हनुमान मंत्र सिद्धि हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग कई बार इंसान परिस्थिति के जाल में कुछ इस तरह फंस जाता है, कि उसे आगे कुछ भी नजर नहीं आता। चाहे परिस्थिति कितना भी विषम हो, हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग से परिस्थितियां अनुकू

ग्राहक वशीकरण (grahak vashikaran)

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ग्राहक वशीकरण मंत्र सभी व्यापारी यह चाहते हैं  कि उनकी  व्यापार में वृद्धि हो  तथा ग्राहक  उनकी दुकान  मे लाइन लगाकर  हमेशा खड़े रहें  तथा धन की वर्षा हमेशा उन पर होती रहे  व्यापार में बढ़ोत्तरी करने के लिए कुछ उपायों को अपनाने से लाभ मिलता है और व्यापार में असीम वृद्धि  होती है| ग्राहक वशीकरण मंत्र श्री यंत्र कुबेर यंत्र प्रयोग- व्यापार में  वृद्धि करने के लिए दीपावली के दिन  सुबह स्नान कर  स्वच्छ होकर अपने व्यापार स्थल पर जाएं  और विधि विधान से  लक्ष्मी गणेश की पूजा कर  कुबेर यंत्र और श्री यंत्र को  अपने  व्यापार स्थल पर  स्थापित करना चाहिए और उसकी नियमबद्ध तरीके से  पूजा करनी चाहिए इससे आपके व्यापार में वृद्धि होगी और मनवांछित फल प्राप्त होगा । बधे हुए व्यापार तांत्रिक क्रियायों से छुटकारा – १- कभी-कभी ऐसा होता है कि आपके शत्रु जलन के कारण आपके व्यापार को तांत्रिक क्रियाओं द्वारा  बांध देते हैं जिस कारण आपके व्यापार में वृद्धि रुक जाती है और ग्राहक की कमी होने लगती है इससे निजात पाने के लिए आपको शनिवार को प्रातः उठकर आठ साबुत पान के पत्ते और पांच पीपल के पत्ते लेकर एक

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

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गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि- गोरखनाथ को नाथपंथियों का गुरु माना जाता है यह  हठयोगी एवं सिद्ध पुरुष थे एक मान्यता के अनुसार गोरखनाथ को 84 सिद्धियां प्राप्ति थी जिसमें वशीकरण एवं जीवन में सुख सुविधाओं को प्राप्त करने वाली अनेक सिद्धियां थी उन्होंने अनेकों साबर मंत्रों की रचना की और आम जनमानस को तंत्र विद्याओं का ज्ञान दिया जिससे पहले लोग अवगत नहीं होते थे। गुरु गोरखनाथ के कुछ ऐसे मंत्र भी थे जिनके द्वारा यदि कोई व्यक्ति पर किसी भी प्रकार का वशीकरण या जादू टोना किया गया हो तो उन मंत्रो द्वारा समाप्त कर दिया जाता है  यह सब मंत्र गुरु गोरखनाथ के ग्रंथ में मिलते हैं। यह भी कहा जाता है कि गुरु गोरखनाथ को सारे मंत्रों का ज्ञान स्वयं शिव जी से ही प्राप्त हुआ । गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि गोरखनाथ वशीकरण साधना – गुरु गोरखनाथ का वशीकरण मंत्र एवं तंत्र व विधाएं अत्यंत सरल है इसका उपयोग कर कोई भी आम मानस अपने जीवन को सफल बना सकता है वह किसी को भी मंत्रों द्वारा अपनी ओर सम्मोहित कर सकता है एवं इस साधना से उसमें असीम शक्तियां निवास करने लगती है। गोरखनाथ के ग्रंथों में अनेक तांत

कर्ण पिशाचिनी

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कर्ण पिशाचिनी सिद्धि प्रयोग सब लोग इस दुनिया में किसी न किसी कारणवश परेशान होते हैं। और सभी को यह जानने की उत्सुकता होती है की अदृश्य दुनिया में क्या क्या छुपा हुआ है। पर आपके लिए यह जान लेना ज़रूरी है की तब भी लोग तंत्र में भाग नहीं लेते क्यूंकि ऐसी विद्याएं खतरनाक होती हैं। इनमें आप पाएंगे की लोग एक बार तो उत्साह से जाते हैं पर उसके बाद में अगर बुरे असर से परेशान नहीं हुए तो एक बुद्धि वाला जुआ बतलायेंगे। तंत्र मंत्र यन्त्र में कईं बार ऐसी साधनायें  की जाती हैं जिनसे आप अदृश्य दुनिया से नाता बना सकते हैं, लोगों के दिल में छुपी बात जान सकते हैं और जो नहीं दिखता है वहां से जो दिखता है उस दुनिया पर असर पैदा कर सकते हैं। कर्ण पिशाचिनी सिद्धि प्रयोग कर्ण पिशाचिनी साधना कोई आसान या फिर सरल एवं सहज साधना नहीं हैं। आप पाएंगे की लोग इसको करने के पश्चात पागल हो गए हैं, घर-व्यवहार में तबाही पा चुके हैं और बहुत सी परेशानियों से क्षतिग्रस्त हुए हैं। आप अगर किसी मंत्र में दीक्षित नहीं हैं या फिर गुरु की शरण में नहीं गए हैं तो इस साधना को नहीं करने के सुझाव को उत्तम और सबसे बड़ी बात मान

नाग वशीकरण मंत्र

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नाग वशीकरण मंत्र साधना नाग वशीकरण साधना ,  शेष नाग साधना ,  नाग कड़ा साधना ,  नाग कन्या साधना-  नाग मंत्र साधना में नाग के 9 रूपों की उपासना की जाती है. नाग की साधना से साधक शत्रु भय और किसी भी तरह की चिंता से मुक्ति पा लेता है. नाग वशीकरण साधना का प्रयोग करके धन की प्राप्ति होती है. जिन जातकों की कुंडली में नाग दोष होता है उन्हें इस साधना से बहुत लाभ होता है. नाग देवता की कृपा से साधक के जीवन में धन सम्पदा और प्रेम की प्राप्ति होती है. नाग मंत्र साधना से साधक का चहुमुखी विकास होता है और उसके जीवन मंगलमय होने लगता है. नाग वशीकरण मंत्र साधना नाग साधना में नाग के 9 रूपों की साधना का विशेष महत्व है. अगर कोई साधक किसी विशिष्ठ कार्य सिद्धि के लिए नाग की उपासना करना चाहता है तो उसे नाग के विभिन्न रूपों और उनकी साधना की विधि के बारे में जानकारी होनी चाहिए. नाग के 9 रूपों की साधना करने के बाद नाग कन्या साधना का मार्ग सुगम हो जाता है. इसलिए नाग के 9 रूपों की साधना पहले करना चाहिए. अगर कोई साधक जीवन में बड़ी आर्थिक सफलता प्राप्त करना चाहता है तो उसे शेषनाग की साधना करनी चाहिए. शेषना

भोजपत्र वशीकरण सिद्धि(bhojpatr vashikaran)

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भोजपत्र वशीकरण सिद्धि भोजपत्र के टोटके/उपाय/उपयोग, भोजपत्र यंत्र, भोजपत्र मंत्र वशीकरण- इससे पहले की हम आपको भोजपत्र से जुड़े जादू-टोटके व वशीकरण मंत्र साधना के बारे मे बताए जरूरी है की उससे पहले आप जान ले की भोजपत्र का संबंध एक खास पेढ की छाल से होता है, न की जैसा अक्सर हम सोचते है की ये कोई पत्ता है। दरअसल ये भोजपत्र हिमालय की घाटियों में पाये जाते है और ये 15 से 20 मीटर ऊंचे वृक्ष की छाल होती है, जोकि गहरे रंग के होते है और क्यूकी ये लंबे समय तक खराब नहीं होते तो इसको संभाल के रखा जा सकता है। जिनका इस्तेमाल वैसे दवाई बनाने के लिए भी किया जाता है। दवाई के अलावा इसका इस्तेमाल टोने-टोटके और पूजा-पाठ में भी किया जाने लगा है। भोजपत्र वशीकरण सिद्धि आपको बता दे की  भोजपत्र की  टहनी की  धूप  के प्रयोग से  भूत – प्रेत   व  जिन्न आदि  को भगाने का काम किया जाता  हैं।  यही नहीं कई साधना ऐसी भी होती है जिसमे  भोजपत्र  के ऊपर  भौरवी ,  काली , देवी लक्ष्मी ,   कामाख्या   आदि के वशीकरण     मंत्र  को  लिखकर सिद्ध करने  से व्यक्ति अपनी कामना पूरी कर सकता है। जैसे की अगर आप किसिकों अपने वश मे करना

सियार सिंगी को सिद्ध करने की विधि

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सियार सिंगी को सिद्ध करने की विधि सियार सिंगी का प्रयोग, सियार सिंगी की पहचान/फायदे, सियार सिंगी से वशीकरण-  सियार सिंगी सियार या गीदड़ का सिंग होता है जो उसकी नाक के ऊपर निकल आता है. कहा जाता है कि सियार जब अपनी गर्दन ऊपर करके आवाज करता है तो उसकी नाक के ऊपर इस तरह का सिंग या हड्डी उभर आती है. इसे ही सियार सिंगी कहा जाता है. सियार सिंगी का तांत्रित क्रियाओं में बहुत महत्व है. इसके प्रयोग से कई चमत्कारिक लाभ होते हैं. सियार सिंगी को सिद्ध करने कि विधि से कई कामों को पूर्ण किया जा सकता है| सियार सिंगी को सिद्ध करने की विधि सियार सिंगी को सिद्ध करने की विधि सियार सिंगी को सिद्ध करने की विधि के लिए कुछ तांत्रिक सियार का शिकार करते हैं, लेकिन ऐसा करना वर्जित है. अगर आप शिकार किये हुए सियार का सिंग अपने घर में रखते हैं तो इससे आपको बड़ी हानि ओर मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए सियार सिंगी को सिद्ध करने की करने के लिए किसी स्वाभाविक रूप से मरे सियार का ही सिंग प्रयोग में लाना चाहिए. इस तरह से जो सिंग प्राप्त किया जाता है वह बहुत अच्छे ओर तत्काल लाभ देने वाला होता है. सियार सिंगी क

अमावस्या की रात के टोटके

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टोटके अमावस्या वाली रात तंत्र साधना में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है | इस दिन तांत्रिक क्रियाओं के सिद्ध योगी विभिन्न क्रियाओं का लाभ उठाते हैं | इसके अलावा इस दिन कई तरह के टोटके भी किए जाते हैं  जो विभिन्न समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं | चलिए.. आप भी जाने हमारे साथ अमावस्या की रात तंत्र साधना/टोटक/उपाय| अमावस्या की रात तंत्र साधना टोटके अमावस्या की रात तंत्र साधना तांत्रिक क्रिया-कलापों के क्षेत्र में अमावस्या  विशेष महत्वपूर्ण है | यह अमावस्या अगर शनिवार या किसी ग्रहण वाले दिन पड़ती है तो तंत्र क्रियाओं के लिए सोने में सुहागा | नीचे दिए गए प्रयोग को किसी भी अमावस्या वाले दिन करें और अपनी हर प्रकार की समस्या से निदान पाएं | विधि– किसी भी अमावस्या वाले दिन अर्ध रात्रि को श्मशान में जाए निम्नलिखित सामग्री लेकर — लाल सिंदूरएक छोटी शराब की बोतलमोमबत्ती ५ की संख्या मेंएकदम ताजा नींबू ५ नगतेज धार वाला चाकूएक बड़ा दीपकसरसों का तेल श्मशान घाट में जाकर सबसे पहसे श्मशान भूमि को प्रणाम करें | अब किसी भी स्थान पर बैठ जाए तथा दीपक में सरसों का तेल डालकर जलाएं और पांचों

लौंग वशीकरण (loing vashikaran)

लौंग मोहिनी मंत्र ऊं नमः आदेश गुरु का  लौंग-लौंग तू मेरा भाई, तुम्हारी शक्ति चलाई पहली लौंग राती-बाती दूजी लौंग जीवन माती तीजी लौंग अंग में राखे चौथी लौंग दुई कर जोड़े चारो लौंग जो मेरी खाय, अमुक झट मेरे पास आय आदेश देवी कामरू कामाख्या की दुहाई फिरै। उपर्युक्त मंत्र से चार लौंग सात बार अभिमंत्रित कर जिस व्यक्ति को भी खिलाई जाए, वह मोहित हो जाता है। इसके सफल प्रयोग के लिए पहले इस मंत्र को सिद्ध कर लेना जरूरी होता है। सिद्धि के लिए साधना रविवार से आरंभ करें और दीपक जलाकर निरंतर 21 दिन तक नित्य प्रति 21 मंत्रों का जप करें। इस साधना में कोई व्यवधान न हो इतना ध्यान रखना चाहिए। अन्य जानकारी प्राप्त करने हेतु आप मुझे संम्पर्क करे  gurubalaknath@gmail.com +91-7499778160 आप मुझे what's aap कर सकते हैं या call  कर सकते

वशीकरण (vashikaran)

ऐसे करें वशीकरण वशीकरण सम्मोहन का ही दूसरा रूप है, लेकिन इसकी घनात्मकता अधिक है और प्रभाव भी ज्यादा होता है। इससे व्यक्ति पूरी तरह वश में हो जाता है और इच्छानुसार कार्य करता है। रोचक यह है कि वशीकरण की साधना जितनी जटिल मानी जाती है तंत्र साधना द्वारा यह उतनी ही सरल हो जाती है। यह मानव मन की सूक्ष्म तरंगों पर आधारित विलक्षण क्रिया है।  जब भी कोई साधक इस साधना में सफलता पा लेता है तो उसके व्यक्तित्व में अद्भुत विलक्षणता आ जाती है। वशीकरण के लिए तांत्रिक अनुष्ठान पूर्वकाल में भी किए जाते रहे हैं। यदि आज भी यह साधना श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाए तो निश्चय ही सफलता मिलती है। कुछ भी ऐसा सीखने से पहले एक संकल्प ले लेना चाहिए कि जो भी तंत्र कर्म किया जाए वह जनकल्याण की भावना से ही किया जाना चाहिए। शाबर मंत्र जल्दी सिद्ध भी हो जाते हैं और सटीक वार करते हैं। नीचे लिखे मंत्र को एकांत कमरे में बैठ कर इकतीस दिन में हर दिन 324 बार जप कर सिद्ध करें… ऊँ नमो आदेश गुरु को राजा मोहू, प्रजा मोहू, मोहू ब्राह्मण, बनिया हनुमंत रूप में जगत मोहू तो राम चंद्र मणि मणियां गुरु की शक्ति, मेरी भक्ति फुरो

अप्सरा रंभा साधना

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अप्सरा रंभा के विलक्षण मंत्र, जो देते हैं रंग-रूप-यौवन आकर्षक सुन्दरतम वस्त्र, अलंकार और सौंदर्य प्रसाधनों से युक्त-सुसज्जित, चिरयौवना रंभा के बारे में कहा जाता है कि उनकी साधना करने से साधक के शरीर के रोग, जर्जरता एवं बुढ़ापा समाप्त हो जाते हैं।  रंभा के मंत्र सिद्ध होने पर वह साधक के साथ छाया के तरह जीवन भर सुन्दर और सौम्य रूप में रहती है तथा उसके सभी मनोरथों को पूर्ण करने में सहायक होती है।  यह जीवन की सर्वश्रेष्ठ साधना है। जिसे देवताओं ने सिद्ध किया इसके साथ ही ऋषि मुनि, योगी, संन्यासी आदि ने भी सिद्ध किया इस सौम्य साधना को।  इस साधना से प्रेम और समर्पण के गुण व्यक्ति में स्वतः प्रस्फुरित होते हैं क्योंकि जीवन में यदि प्रेम नहीं होगा तो व्यक्ति तनावों में बीमारियों से ग्रस्त होकर समाप्त हो जाएगा। प्रेम को अभिव्यक्त करने का सौभाग्य और सशक्त माध्यम है रंभा साधना।  साधना विधि सामग्री - प्राण प्रतिष्ठित रंभोत्कीलन यंत्र, रंभा माला, सौंदर्य गुटिका तथा साफल्य मुद्रिका।  यह रात्रिकालीन 27 दिन की साधना है। इस साधना को किसी भी पूर्णिमा या शुक्रवार को अथवा किसी भी व

हनुमान बिर लॉकेट

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हनुमान जी को प्रसन्न करना बहुत सरल है। राह चलते उनका नाम स्मरण करने मात्र से ही सारे संकट दूर हो जाते हैं। जो साधक विधिपूर्वक साधना से हनुमान जी की कृपा प्राप्त करना चाहते है उनके लिये मै हनुमान बिर लॉकेट बना रहा हू l वर्तमान युग में हनुमान साधना तुरंत फल देती है। इसी कारण ये जन-जन के देव माने जाते हैं। इनकी पूजा-अर्चना अति सरल है, इनके मंदिर जगह-जगह स्थित हैं अतः भक्तों को पहुंचने में कठिनाई भी नहीं आती है। मानव जीवन का सबसे बड़ा दुख भय'' है और जो साधक श्री हनुमान जी का नाम स्मरण कर लेता है वह भय से मुक्ति प्राप्त कर लेता है। “पंचवत्रं महाभीमं पंचदश नयनेर्युतम्" हनुमान मन्दिर देशभर में सर्वत्र हैं। वे अजर-अमर, कल्पायु-चिरायु, कालजयी, मृत्युंजयी, वत्सल, कल्पतरू, मंगलकर्ता सर्वाभीष्ट प्रदाता है। उनकी उपासना, गुणगान, चर्चा, कथा देश-विदेशों में प्रचलित है। स्कन्दपुराण ब्रह्मखंड के वर्णनानुसार तथा तुलसीदास ने हनुमान चालीसा में उनके हाथ में वज्ज्, गदा, आयुध कहा है। वैसे तो कलियुग में शिवए रामए कृष्णए दुर्गाए लक्ष्मीए गणेशए पार्वती हनुमान आदि प्रमुख हैं। इनमें हनुमान

तिलक वशीकरन (tilak vashikaran)

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तिलक वशीकरण एक महत्वपूर्ण वशीकरण है आप किसी व्यक्ति के समक्ष जाकर की उस व्यक्ति को वश कर सकते हैं! आप तिलक वशीकरण से ऐसे व्यक्ति को भी वश कर सकते हैं जो व्यक्ति आपके  पहचान का ना हो अथवा वह व्यक्ति आपको ना पहचान ता हो! तिलक वशीकरण मे आपको आपने माथेपर तिलक लगाकर घर से बाहर निकलना है!  जिस  व्यक्ति से आप मिलौंगे वह व्यक्ति आपके वश मे होगा आपके कारोबार के लिए उपयुक्त है तिलक वशीकरण इस वशीकरण से आपका ग्राहक कई अन्य दुकान पर नही जा सक्ता ओर आपका अच्छा ग्राहक बनेगा इल साधना के लिए आपको हनुमान जी की पुजा करनी होती हैं महिने के किसी भी मंगलवार को आप हनुमान जी के मंदिर मे जाय और विधी वत पुजा करे मंत्र की 11 माला जप किजीए और हनुमान जी को प्रनाम करे और उनके चरनो का शेंदुर निकालकर लाए और घर पर भी विधी करना है आपको हनुमान जी की प्रतीमा के सामने शेंदुर रखे 2 लंड्डु रखे फिर  11 माला मंत्र जपे आपका तिलक वशीकरण सिद्ध हो जाएगा  आप उसका उपयोग कर सक्ते है! मंत्र :-ओम नमो आदेश गुरू को माता अंजनी का हनुमान मै बुलैऊ प्रजा को मोहु प्रजा को पाहु प्रजा वशमानय मेरे चरनो मे पडे मेरा काम कर नही

राशि रत्न वशीकरण साधना (rashi ratn vashikaran)

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नोट :- ( यह साधना जग वशीकरण जैसी ही है इस साधना को सिद्ध करणे से आपके रूके काम आप किसी भी व्यक्ति से करवा सकते है आप अपने कारोबार मे, या अन्य जगाह पर इस साधना का उपयोग कर सकते है ) साधना सामग्री :- साधक अपनी राशि का नग खरीद कर सिद्ध करे वशीकरण ,वशीकरण माला, गुलाब का इत्र, सिद्ध मोहन जाल किसी भी दुकान मे आसानी से मिलेगा इसे भी सिद्ध करे विधी :- इस साधना को बुधवार से प्रारंभ करना चाहिए  यह साधना तिन दिन की है सर्व प्रथम साधक सरस्वती माता का पुजन करे फिर साधना आरंभ करे अपने राशि के नग को इत्र लगाकर सामने रखकर वशीकरण माला से मंत्र जप करे तिन माला साधना पुर्ण होने के बाद अंगूठी बनवाकर पहन कर जो चाहे किसी भि व्यक्ति से कार्य करवा ले मंत्र:- मोहकम मोहकम कहां से आया यह किसका संदेश लाया किसको रोली किसको चंदन किसको फुल बताशा अंजन काल भैरव 64 जोगिनी काल को मोडु मुख को जोडू जो जो देखे चरनो मे पडे मेरा काम करे नही करे तो **********गुरू कि शक्ति मेरी भक्ती *************का मंत्र सच्चा चले विधी छु इस मंत्र मे कुछ शब्द गोपनीय रखे है ताकी कोई अन्य कॉपी ना कर सके आज इंटरनेट पर इतने ब

पुतली वशीकरण ( putali vashikaran)

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नोट :-( मै इस ब्लॉग मे लम्बी लम्बी बाते नही लीखुंगा बस उपयुक्त बाते ही बताऊंगा ) साधना सामग्री :- स्मशान के कबर की मट्टी (अगर स्त्री वशीकरण करना है तो स्त्री के ही कबर की मट्टी लाये यदी पुरूष वशीकरन करना है तो पुरूष के कबर की मट्टी लाये) इत्र, वशीकरण माला, तिली का तेल, कवळ्या उद ( लोबान), सुगंधित पुष्प इन सामग्री को प्राप्त करे विधी :- कबर से जो मट्टी लेकर आये उसकी पुतली बनाये ( स्त्री को वश करना है तो स्त्री की पुतली बनाये अगर पुरूष वश करना है तो पुरूष की पुतली बनाये) * आपने जो पुतली बनायी है उसे सिद्ध करे, *सामने लाल कपडा रखे कपडे के उप्पर पुतली रखे, *पुष्प अरपन करे इत्र छिडके, *तिली के तेल का दिपक लगाये, *लोबान जलाये, *मंत्र जप आरंभ करे 3 माला *वशीकरण माला का ही उपयोग करे * पुतली को वही लाल कपडे से लपेट कर किसी पुराने बरगद के पेड के निचे गाड दे *यह कार्य करते समय पिछे मुडकर ना देखे     मंत्र:- बांधु इन्द्र को बांधु तारा बांधु बांधु लोहे का आरा उठे इन्द्र न बोले बाबा सुख साख सब धुनि हो जाये फलाने के तन मन मे चटपटी लगाये फलानी फलाने के साथ लाये नही लाये तो *

बीर कंगण सिद्धि जागृती साधना

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नोट:-( बीर कंगण बनाने की विधि अन्त मे बताई है कृपया ये ब्लॉ ग पुरा पढिये ) हिन्दू धार्मिक परंपरा में एक ओर जहां देव, नाग, गंधर्व, अप्सरा, विद्याधर, सिद्ध, यक्ष, यक्षिणी, भैरव, भैरवी आदि सकारात्मक शक्तियों की बात की गई है तो वहीं दैत्य, दानव, राक्षस, पिशाच, पिशाचिनी, गुह्मक, भूत, वेताल आदि नकारात्मक शक्तियों की साधना का उल्लेख भी मिलता है। उसी तरह कुछ ऐसी भी शक्तियां हैं जिनकी जो सात्विक भाव से साधना करता है, वह उनको वैसा ही चमत्कार दिखाती हैं। उन्हीं में से एक है वीर या बीर साधना। सभी वीरों की शक्तियां एक-दूसरे से भिन्न हैं। ये अलग-अलग शक्तियों से संपन्न होते हैं। गुप्त नवरात्रि में और कुछ विशेष दिनों में बीर साधना की जाती है। बीर साधना को तांत्रिक साधना के अंतर्गत माना गया है। मूलत: 52 बीर हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं- नोट:-( बीर सिद्धि जागृती मंत्र प्राप्त करने हेतु आप मुझे ई-मेल से संम्पर्क करे  ) 01. क्षेत्रपाल बीर 02. कपिल बीर 03. बटुक बीर 04. नृसिंह बीर 05. गोपाल बीर 06. भैरव बीर 07. गरूढ़ बीर 08. महाकाल बीर 09. काल बीर 10. स्वर्ण बीर 11. रक्तस्वर्ण बीर 12. द

रोग निवारण के मंत्र

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जिस घर में जब कोई रोग आ जाता है तो उस रोगी के साथ साथ उस घर के सभी व्यक्ति भी मानसिक रूप से चिंता और आशांति का अनुभव करने लगते है , लेकिन कुछ छोटी छोटी बातो को ध्यान में रखकर हम हालत पर काबू पा सकते है , शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते है ! ज्वर का झाडा :- "निम्न मंत्र को ग्रहन अथवा होली पर सिद्ध कर ले! इसके बाद निम्न मंत्र पढकर ज्वर से ग्रस्त रोगी को झाडा लगावे! मंत्र ईस प्रकार है :-              ओम ह्रीं ह्रीं रीं रीं विष्णु शक्ति भगवती विष्णुशक्तिमेन हर हर नय नय पच पच मथ मथ उत्सादय दुरे कुरू स्वाहा !            आरोग्यता के लिए . शिव का स्मरण करते हुए 31 बार इस मंत्र  का उच्चारण करके फोडे पर हाथ फेरकर फूंक मारनी चाहिए!  इसके शीघ्र लाभ होगा ! पत्थरचूर की जड को तांबे के पात्र मे भरवाकर चमकिले लाल डोर से बांधकर बच्चे के गले में लटका देने से दांत निकलने में कष्ट नही होता और हरे पीले रंग के पतले दस्त होना बन्द हो जाता है! गले में बांधने से पहले 51 बार जय गुरू गोरखनाथ तुम्हारी आन,  आवश्य जपे !      मंत्र इस प्रकार है :-                                  ओम