हनुमान सिध्दी

हनुमान मंत्र सिद्धि
हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग/ हनुमान मंत्र फॉर सक्सेस इन एग्जाम/ जॉब हनुमान शाबर मंत्र फॉर वशिकरण- कलियुग में हनुमान जी सबसे प्रभावशाली देवता माने जाते हैं। मान्यता है, कि किसी भी देवी देवता की अपेक्षा हनुमान जी जल्दी दुखियों की बात सुनते हैं और मनोकामना पूर्ण करते हैं। इसका कारण यह है कि धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी आज भी इस दुनिया में सदेह उपस्थित हैं तथा राम भक्ति लीन हैं। याचक राम की दुहाई देकर कुछ भी मांगे तो वह उससे विमुख नहीं हो सकते। चाहे वह मनोकामना दाम्पत्य सुख, शिक्षा-दीक्षा, नौकरी प्रमोशन ही क्यों न हो। विशेष रूप से शनि दोष से ग्रस्त जातकों के समस्या निवारण में हनुमान जी की आराधना के अलावा कोई अन्य चारा नहीं है| इसमें निषेध सिर्फ कलुषित भावना से की गई आराधना है। ऐसे में, विपरीत प्रभाव से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
हनुमान मंत्र सिद्धि
हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग
कई बार इंसान परिस्थिति के जाल में कुछ इस तरह फंस जाता है, कि उसे आगे कुछ भी नजर नहीं आता। चाहे परिस्थिति कितना भी विषम हो, हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग से परिस्थितियां अनुकूल होने लगती हैं। इसके लिए, मंगलवार का दिन चुनें। आसन, पुष्प, प्रसाद, वस्त्र आदि लाल रंग का रखें। यदि राम मंदिर में सुविधा हो तो सबसे अच्छी बात है, न हो तो घर में ही राम दरबार का चित्र स्थापित करें। सर्वप्रथम राम-जानकी को अपनी पूजा अर्पित करें। ध्यान रखें जिन्हें राम-वैदेही प्रिय नहीं उन्हें वह शत्रुवत मानते हैं। धूप, चमेली के तेल का दीपक, नवेद्य, चमेली के तेल में मिश्रित सिंदूर अर्पित करें।  तत्पश्चात हनुमान जी की छवि पर ध्यान केंद्रित करें। हाथ में जल लें, अपना नाम उच्चारित करते हुए अपनी मनोकामना कहें तथा सौ बार हनुमान चालीसा पाठ का संकल्प लें। अब पाठ प्रारंभ करें।  प्रत्येक बार पाठ सम्पन्न होने पर उन्हें पुष्प अर्पित करें। एक ही आसन में सौ पाठ पूर्ण करने के उपरांत प्रसाद वितरित करें तथा स्वयं भी खाएं।
यह एक सरल साधना है, कोई भी कर सकता है। इसे त्वरित प्रभाव उत्पन्न करने वाला माना जाता है।  इसमें ध्यान रखने योग्य बातें यह हैं कि –
साधना से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक ब्रम्हचर्य रखें।निरामिष रहें, अर्थात मांस, मदिरा का भक्षण न करें।हनुमान जी की साधना के समय ही नहीं, सामान्य रूप से भी साधक राम भक्त हो।

हनुमान मंत्र फॉर सक्सेस इन एग्जाम/जॉब
हनुमान चालीसा तुलसीदास रचित काव्य मात्र नहीं है, इसमें अनेक गोपनीय आध्यात्मिक संकेत छिपे हुए हैं। सामान्य साधक भीइन संकेतों का उपयोग सार्थक अभीष्ट की सिद्धि के लिए कर सकता है। हनुमानजी की साधना करने वाले छात्रों को सबसे पहले कक्ष में हनुमान जी का ऐसा चित्र लगाना चाहिए जिसमें वह सूर्य की पूजा कर रहे हैं अथवा सूर्य देव की ओर देख रहे हैं। सूर्य देव हनुमान जी के पिता हैं। ऐसी छवि कक्ष में लगाने से ज्ञान, बुद्धि तथा सम्मान में वृद्धि होती है। इसके बाद निम्नलिखित दोहा नित्य जाप करें-
‘बल बुद्धि विद्या देहि मोहि, हरहुं कलेष विकार’
जैसा कि स्पष्ट है इस दोहे में बल बुद्धि विद्या प्रदान करने, तथा समस्त दुख हरने की याचना की गई है। स्टुडेंटस अपनी अपनी पढ़ाई से पूर्व हनुमान जी छवि पर थोड़ी देर तक ध्यान केन्द्रित करें। ग्यारह बार उक्त दोहे का पाठ करें, तत्पश्चात पढ़ाई प्रारंभ करें। परीक्षा के दिन ग्यारह बार हनुमान चालीसा पाठ कर जाएं। परंतु, स्मरण रखें मात्र हनुमान चालीसा पाठ कर आप एग्जाम में अव्वल नहीं आ सकते। इस पाठ तथा आराधना से आपमें सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा, आप विषय पर ज्यादा बेहतर ढंग से ध्यान केन्द्रित कर पाएंगे। पढ़ी हुई बातें स्मरण में सुरक्षित रहेंगी तथा एग्जाम के दिन आप ज्यादा आत्म विश्वास से परीक्षा केन्द्र पहुंचेंगे।
जॉब मिलने में परेशानी हो रही हो तो हनुमान जी की शरण में जाएँ| मंगलवार का व्रत रखें, नित्य ग्यारह बार  हनुमान चालीसा पाठ करें, पूजा कक्ष में राम दरबार का चित्र रखें| ओम हनुमन्ते नमः मंत्र का 51 बार जाप प्रति दिन करें|

विभिन्न समस्याओं से छुटकारे के लिए हनुमान चालीसा के दोहे
अत्यधिक कष्ट में(शारीरिक आर्थिक मानसिक): कौन सो संकट मोर गरीब को जो तुमसे नहीं जात है टारोंकार्य सिद्धि के लिए: हृदय राखि कोसलपुर राजाशारीरिक दुर्बलता से मुक्ति के लिए: महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमत के संगी|लंबी बीमारी से छुटकारे के लिए: लाय सजीवन लखन जियाए
जॉब मिलने में परेशानी हो रही हो
हनुमान शाबर मंत्र फॉर वशिकरण
बहुत पुरानी मान्यता है कि हनुमान जी की साधना स्त्रियां नहीं कर सकती। परंतु यह सत्य नहीं है। ज्ञानी-गुनीजनों का भी मानना है कि निरपेक्ष स जिसे हम ईश्वर कहते हैं वह स्त्री-पुरूष में भेद नहीं करता। यद्यपि प्रकृति ने स्वयं ऐसी व्यवस्था कर दी है जिसमें स्त्री-पुरूष स्वयमेव एक दुसरे के प्रति आकर्षित होते हैं तथा परस्पर एक दूसरे के वश में होते हैं। स्थिति तब बिगड़ती है जब जो जोड़ा साथ रह रहा हो उनकी केमिस्ट्री मेल न खाए। ऐसे में प्राकृतिक नियम भी बेअसर हो जाते हैं। अतः जीवन साथी अथवा पेयस/पे्रयसी के संग सुचारू रूप से जीवन व्यतीत करने के लिए हनुमान जी की शरण में जाया जा सकता है। हनुमान चालीसा पाठ के अलावा अलग-अलग उद्देश्यों से अनेक शाबर मंत्र प्रचिलित हैं, जो देश में प्रचिलित अनेक लोक भाषाओं में अथवा मिश्रित भाषाओं में है। निम्नलिखित शाबर मंत्र का प्रयोग स्त्री-पुरूष कोई भी कर सकता है।
ऐ हनुमान राम का चेला
उठा पहाड़ चल अलबेला
उड़ उड़ उड़ विक्रम बजरंगी
तोरे दास हम असल सतसंगी
हं हं हं हं हनुमत
बश में रहे अमुक नर/नारी
अरज हमारी सुने जानकी दुलारी
हुं हुं हुं
कृपा करौं नाथ  राम दोहाई !!!

विधि- यह वशीकरण उसी पर करें जिसे वास्तव में प्रेम करते हों। यदि वह रूठ कर कहीं चला गया हो, बे्रक अप की स्थिति हो, आपकी शक्ल नहीं देखना चाहता/चाहती हो तो मंगलवार से प्रारंभ कर 21 दिन तक मंत्र का पाठ करें। इसके लिए किसी प्रकार के अनुष्ठान की आवश्यकता नहंी है। ह्नदय मंे राम-वैदेही तथा हनुमान के प्रति भक्ति तथा साथी के प्रति प्रेम रखते हुए इस मंत्र के पाठ से हनुमान जी की कृपा मिलती है।
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