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Showing posts from February, 2019

कामाख्या (कामिया) सिंदूर प्रयोग.

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कामाख्या (कामिया) सिंदूर प्रयोग. कामाख्या माता: तांत्रिकों की देवी "कामाख्या देवी" की पूजा भगवान शिव के नववधू के रूप में की जाती है, जो कि मुक्ति को स्वीकार करती है और सभी इच्छाएं पूर्ण करती है। काली और त्रिपुर सुंदरी देवी के बाद कामाख्या माता तांत्रिकों की सबसे महत्वपूर्ण देवी है। मुख्य मंदिर जहां कामाख्या माता को समर्पित है, वहीं यहां मंदिरों का एक परिसर भी है जो दस महाविद्या को समर्पित है। ये महाविद्या हैं- मातंगी, कामाला, भैरवी, काली, धूमावति, त्रिपुर सुंदरी, तारा, बगुलामुखी, छिन्नमस्ता और भुवनेश्वरी। इससे यह स्थान तंत्र विद्या और काला जादू के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस क्षेत्र के आसपास कई तांत्रिक मंत्र पाए गए हैं जिससे स्पष्ट है कि कामाख्या मंदिर के आसपास इसका महत्वपूर्ण आधार है। ऐसा माना जाता है कि अधिकांश कौल तांत्रिक की उत्पत्ति कामापूरा में हुई है। सामान्य धारणा यह है कि कोई भी व्यक्ति तब तक पूर्ण तांत्रिक नहीं बन सकता जब तक कि वह कामाख्या देवी के सामने माथा न टेके। अकसर यह सोचा जाता है कि तंत्र विद्या और काली शक्तियों का समय गुजर चुका है। लेकिन कामाख्

शिव शाबर मंत्र सिद्धि

शिव शाबर मंत्र सिद्धि इंसान के जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष यह चुनने की कोशिश है कि क्या सुंदर है और क्या भद्दा, क्या अच्छा है और क्या बुरा? लेकिन अगर आप हर चीज के इस भयंकर संगम वाली शख्सियत को केवल स्वीकार कर लेते हैं तो फिर आपको कोई समस्या नहीं रहेगी। समस्या सिर्फ आपके साथ है कि आप किसे अपनाएं व किसे छोड़ें और यह समस्या मानसिक समस्या है, न कि जीवन से जुड़ी समस्या। यहां तक कि अगर आपका दुश्मन भी आपके बगल में बैठा है तो आपके भीतर मौजूद जीवन को उससे भी कोई दिक्कत नहीं होगी। आपका दुश्मन जो सांस छोड़ता है, उसे आप लेते हैं। आपके दोस्त द्वारा छोड़ी गई सांसें आपके दुश्मन द्वारा छोड़ी गई सांसों से बेहतर नहीं होती है। दिक्कत सिर्फ मानसिक या कहें मनोवैज्ञानिक स्तर पर है। अस्तित्व के स्तर पर देखा जाए तो कोई समस्या नहीं है। घोर का मतलब है – भयंकर। अघोरी का मतलब है कि ‘जो भयंकरता से परे हो’। शिव एक अघोरी हैं, वह भयंकरता से परे हैं। भयंकरता उन्हें छू भी नहीं सकती। एक अघोरी जब इस अस्तित्व को अपनाता है तो वह उससे प्रेम के चलते नहीं अपनाता, वह इतना सतही या कहें उथला नहीं है, बल्कि वह जीवन को अपनाता है।

लिवर का ईलाज (Curing the Liver)

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लिवर का ईलाज (Curing the Liver) लिवर खराब होने पर शरीर की कार्य करने की क्षमता न के बराबर हो जाती है और लिवर डैमेज का सही समय पर इलाज कराना भी जरूरी होता है नहीं तो यह गंभीर समस्या बन सकती है। गलत आदतों की वजह से लीवर खराब होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। गलत आदते जैसे जैसे शराब का अधिक सेवन करना, धूम्रपान अधिक करना, खट्टा ज्यादा खाना, अधिक नमक सेवन आदि। सबसे पहले लिवर खराब होने के लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है। जिससे समय रहते आपको पता रहे और इलाज सही समय पर हो सके। भारत में दस खतरनाक रोगों में से एक है लिवर की बीमारी। हर साल तकरीब दो लाख लोग लीवर की समस्या से मरते हैं। नए शोध के अनुसार भारत में 32 फीसदी लोग लीवर की किसी न किसी समस्या से ग्रसित हैं। लेकिन इसमें से सबसे अधिक वे लोग हैं जो अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं। लिवर में बीमारी होते ही यह सिरोसिस का रूप ले लेती है जिस वजह से लिवर टाइट,गांठ या भूरा जैसे होने लगता है। लिवर को खराब करने वाले महत्वपूर्ण कारण:- 1. दूषित मांस खाना, गंदा पानी पीना, मिर्च मसालेदार और चटपटे खाने का अधिक सेवन करना। 2. पीने वाले पानी में क्

100% Fatty Liver Treatment

100% Fatty Liver Treatment इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि वसायुक्त लीवर (Fatty liver) से पीड़ित लोगों की संख्या में खतरनाक रूप में वृद्धि हो रही है । यदि ठीक से इलाज न हो तो वसायुक्त लीवर (Fatty liver) से लंबे समय में लीवर कैंसर भी हो सकता है । उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर पांच में से एक व्यक्ति के लीवर में अधिक वसा (fat's) मौजूद होती है और हर 10 में से एक व्यक्ति में फैटी लीवर रोग होता है । यह चिंता का एक कारण है, क्योंकि ठीक से जांच और इलाज न हो तो वसायुक्त लीवर (Fatty liver) से लीवर को क्षति पहुंच सकती है और लीवर कैंसर भी हो सकता है । अगर आपका पेट आपकी छाती से ज्यादा बाहर आने लगे, अगर आपको झुकने और अपने जूते का फीता बांधने में कठिनाई होने लगे, अगर आप अपनी शर्ट ठीक से पैंट के अंदर न कर पा रहे हों तो यह सीधा संकेत है कि आपके शरीर में फैट की मात्रा बढ़ रही है । हम भारतीयों के लिए यह तो कोई नई बात नहीं है, लेकिन इन दिनों किए जा रहे तमाम नए अध्ययनों से पता चलता है कि किसी व्यक्ति के दीर्घकालीन स्वास्थ्य के बारे में कोई अनुमान लगाना या भविष्यवाणी करना आसान नह

त्रिया बंगालन-भैंसासुर वीर साधना.

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त्रिया बंगालन-भैंसासुर वीर साधना. त्रिया बंगालन जिनके दुहाई से कई सारी मशानी शक्तियां काम करती है और भैंसासुर वीर तो बहोत खतरनाक शक्ति है । भैंसासुर वीर को दिया हुआ कोई भी काम वह करता है,इनके लिए षट्कर्म तो बहोत मामूली काम है । यह मंत्र साधना षट्कर्म में पूर्ण सिद्धिदायक है,इसी साधना से मयांग (आसाम का तांत्रिक क्षेत्र ) के तांत्रिक आज के समय मे प्रसिद्ध हुए है । गुवाहाटी के पास एक गांव में आज भी काला जादू सिर चढ़कर बोलता है । चमत्कार और आसाम का बेहद पुराना रिश्ता है,तब यह प्रागज्योतिषपुर के नाम से मशहूर था । मिर्जा नत्थन, इब्न बतूता और शहाबुद्दीन जैसे विद्वानों ने अपनी किताबों में प्रागज्योतिषपुर की तंत्र-मंत्र विद्या का उल्लेख भी किया है । हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने यहीं पर आध्यात्मिक शक्तियों से संपन्न भागदत्त के पिता नरकासुर से माया युद्ध किया था । प्राचीन काल में आसाम स्थित शक्तिपीठ कामाख्या तंत्र-मंत्र का गढ़ हुआ करता था,तब वहां बौद्ध संन्यासी तंत्र-मंत्र करने के लिए जाते थे । जैसे-जैसे वक्त गुजरा, बौद्ध संन्यासी आसाम के विभिन्न हिस्सों में जाने लगे,यह बात दी