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वशीकरण साबर मंत्र,षटकर्म भाग-2.

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वशीकरण साबर मंत्र,षटकर्म भाग-2. द्वितीय क्रिया शाबर वशीकरण मंत्र वश्यं जनानां सर्वेषां वात्सल्य हृद्-गतं-स्मृतम् । (सांख्यायन तंत्र) वश्यं जनानां सर्वेषां विधेयत्वमुदीरितम् । (उड्डीश तंत्र) राजअर्थात् जिससे सभी जीवों (स्त्री-पुरुषों) को वश में किया जाता है और सबके हृदय में अपने प्रति वात्सल्य (प्रेम) पैदा किया जाता है उसे वशीकरण कहते हैं। स्त्री-पुरुष वशीकरण, -वशीकरण, आकर्षण, मोहन आदि वश्य-कर्म के भेद हैं। उपरोक्त मंत्र से यह स्पष्ट है कि वशीकरणा साधना प्रेम की साधना है। संसार के सारे प्राणियों को प्रेम से वश में किया जा सकता है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति काम इत्यादि भाव से अथवा बुरे विचार रखता है तो उसे लाभ के स्थान पर हानि भी हो सकती है। शुद्ध भाव से प्रेम में सफलता राज्यकार्य में सफलता, परिवार में अनुकूलता, मित्रों से सहयोग इत्यादि कार्य हेतु ही यह वशीकरण साधना सम्पन्न करनी चाहिये। साधना विधान:- साधक किसी भी माह के शनिवार को रात्रि में 10 बजे के पश्चात् शुद्ध पवित्र होकर पश्चिम दिशा की ओर मुख कर अपने सामने लकड़ी के एक बाजोट पर लाल वस्त्र बिछा दें। इसके पश्चात साधक अपने सामने