शाबर शक्ति मंत्र साधना
शाबर शक्ति मंत्र साधना
आज लिखने का विषय यही है,आप कुछ समय मंत्र जाप के लिए भी निकाल ही लो । इसमें आपको कोई नुकसान नही होगा और मातारानी ने चाहा तो फायदा ही होगा । आज एक आवश्यक साधना दे रहा हु जो किसी भी किताब में छपी नही है और मैं इस मंत्र का जाप शुभ समयो पर 14 साल से करता आरहा हु । मुझे और मेरे सभी पहेचान वालो को फायदा हुआ है,किसी को जल्द फायदा हुआ है तो किसीको देर से फायदा हुआ है परंतु फायदा सभी को हुआ है और आपको भी हो सकता है । इस साधना में साधना सामग्री बहोत सस्ती है जैसे कपूर,धूपबत्ती और माचीस । मंत्र जाप के समय कपूर बुझना नही चाहिए और सुगंधित धूपबत्ती से आपको आध्यात्मिक वातावरण बनाके रखना है । आसान कोई भी चलेगा, किसी भी रंग का चलेगा । दिशा का कोई बंधन नही,जहां चाहो वहां मुख करके बैठ सकते हो परंतु पूर्व/उत्तर दिशा मंत्र जाप हेतु अच्छा माना जाता है । साधना जाप के लिये समय का कोई पाबंदी नही है,चाहो उतना जाप करो और जब भी साधना हेतु समय दे सकते हो उसी समय जाप कर लिया करो । संसार के किसी भी शुद्ध या पवित्र स्थान पर सुखासन में बैठकर कर जाप कर सकते हो,जरूरी नही के मंत्र जाप पूजाघर में ही करना है । साधना किसी भी दिन से शुरू कर सकते हो और जब तक साधना करने की क्षमता हो तब तक तो अवश्य ही किया करे । साधारणत: मंत्र सिद्धि हेतु साधना 21 दिनों तक करे और हो सके तो निच्छित समय पर बैठकर कर उचित संख्या में जाप करे । उचित संख्या में जाप करने का अर्थ है जैसे 108 बार या 1008 बार मंत्र जाप करना ।
जिस तरह मेरे गुरुजी ने मुझे समझाया था,वैसे ही समझाने की कोशिश मैने की है और आपको इस साधना के माध्यम से श्रेष्ठ प्रकार के लाभ मिले यहां गुरुचरणों में प्रार्थना है । इस एक शक्ति साधना है,यहां शक्ति साधना का अर्थ है देवी साधना । यह मंत्र देवों के लिये नही है सिर्फ देवी से संबंधित है,इस प्रकार के अन्य भी शाबर मंत्र है जो शक्तिपूर्ण है । इस शाबर शक्ति मंत्र से आप किसी भी देवी की कृपा और सिद्धि प्राप्त कर सकते है, यह एक ग्रामीण भाषा से निर्मित मराठी मंत्र है । महाराष्ट्र में नाथ सम्प्रदाय के जनक नवनाथों में से गुरु मच्छीन्द्रनाथ, गहिनीनाथ, जालिंदारनाथ, कानिफनाथ, सिद्ध रेवणनाथ,वट सिध्द नागनाथ , भर्तुहरिनाथ भगवान की समाधिया है । गुरु गोरखनाथ और गुरु चरपटनाथ आज भी चेतना के अवस्था मे जीवित जाग्रत है,इन्होने अपना देह त्याग नही किया । इसलिए महाराष्ट्र में ग्रामीण भाषा में बोली जानेवाले भाषा के प्रकार के लाखों शाबर मंत्र है जो किताबो नही अपितु यहां रहने वाले बुजुर्गों के पास सुरक्षित है ।
मंत्र-
*।। आकाश पिता,धरतरी माता,जय महाकालि माता प्रसन्न होय आता,दुहाई गुरु गोरखनाथ की ।।*
इस मंत्र से महाकालि जी को प्रसन्न किया जा सकता है,ठीक इसी तरह अगर आप किसी अन्य देवी को प्रसन्न करना चाहते हो तो महाकालि जी के जगह उस देवी का नाम बोलना होगा । एक बार उदाहरण के मंत्र लिख रहा हु "आकाश पिता,धरतरी माता,जय सरस्वती माता प्रसन्न होय आता,दूहाई गुरु गोरखनाथ की", तो इस तरह से आप अपनी इष्ट देवी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हो ।
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