बगलामुखी वशीकरण प्रयोग.

बगलामुखी वशीकरण प्रयोग.

भगवती बगलामुखी की उपासना कलियुग में सभी कष्टों एवं दुखों से मुक्ति प्रदान करने वाली है। संसार में कोई कष्ट अथवा दुख ऐसा नही है जो भगवती पीताम्बरा की सेवा एवं उपासना से दूर ना हो सकता हो, बस साधकों को चाहिए कि धैर्य पूर्वक प्रतिक्षण भगवती की सेवा करते रहें।

भगवती पीताम्बरा इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को चलाने वाली शक्ति हैं। नवग्रहों को भगवती के द्वारा ही विभिन्न कार्य सौपे गये हैं जिनका वो पालन करते हैं। नवग्रह स्वयं भगवती की सेवा में सदैव उपस्थित रहते हैं। जब साधक भगवती की उपसना करता है तो उसे नवग्रहों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि साधक को उसके कर्मानुसार कहीं पर दण्ड भी मिलना होता है तो वह दण्ड भी भगवती की कृपा से न्यून हो जाता है एवं जगदम्बा अपने प्रिय भक्त को इतना साहस प्रदान करती हैं कि वह दण्ड साधक को प्रभवित नही कर पाता। इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में कोई भी इतना शक्तिवान नही है जो जगदम्बा कें भक्तो का एक बाल भी बांका कर सके। कहने का तात्पर्य यह है कि कारण चाहें कुछ भी हो भगवती बगलामुखी की उपासना आपको किसी भी प्रकार की समस्या से मुक्त करा सकती है।



दस महाविद्याओं में भी बगलामुखी के बारे में विशेष लिखा गया है और कहा गया है कि यह शिव की त्रि-शक्ति है –

"सत्य काली च श्री विद्या कमला भुवनेश्वरी।
सिद्ध विद्या महेशनि त्रिशक्तिबर्गला शिवे॥"

दुर्लभ ग्रंथ ‘मंत्र महार्णव’ में भी लिखा है कि –

"ब्रह्मास्त्रं च प्रवक्ष्यामि सदयः प्रत्यय कारणम।
यस्य स्मरण मात्रेण पवनोऽपि स्थिरायते॥"

बगलामुखी मंत्र को सिद्ध करने के बाद मात्र स्मरण से ही प्रचण्ड पवन भी स्थिर हो जाता है। भगवती बगलामुखी को ‘पीताम्बरा’ भी कहा गया है। इसलिए इनकी साधना में पीले वस्त्रों, पीले फूलों व पीले रंग का विशेष महत्व है किन्तु साधक के मन में यह प्रश्न उठता है, कि इस सर्वाधिक प्रचण्ड महाविद्या भगवती बगलामुखी का विशेषण पीताम्बरा क्यों? वह इसलिए कि यह पीताम्बर पटधारी भगवान् श्रीमन्नारायण की अमोघ शक्ति, उनकी शक्तिमयी सहचरी हैं।
सांख्यायन तन्त्र के अनुसार बगलामुखी को सिद्घ विद्या कहा गया है।

तंत्र शास्त्र में इसे ब्रह्मास्त्र, स्तंभिनी विद्या, मंत्र संजीवनी विद्या तथा प्राणी प्रज्ञापहारका एवं षट्कर्माधार विद्या के नाम से भी अभिहित किया गया है। सांख्यायन तंत्र के अनुसार कलौ जागर्ति पीताम्बरा अर्थात् कलियुग के तमाम संकटों के निराकरण में भगवती पीताम्बरा की साधना उत्तम मानी गई है। अतः आधि व्याधि से त्रस्त मानव मां पीताम्बरा की साधना कर अत्यन्त विस्मयोत्पादक अलौकिक सिद्घियों को अर्जित कर अपनी समस्त अभिलाषाओं को पूर्ण कर सकता है।
बगलामुखी के ध्यान में बताया गया है कि –

"ये सुधा समुद्र के मध्य स्थित मणिमय मंडप में रत्नमय सिंहासन पर विराजमान हैं। ये पीत वर्ण के वस्त्र, पीत आभूषण तथा पीले पुष्पों की माला धारण करती हैंं इनके एक हाथ में शत्रु की जिह्वा और दूसरे हाथ में मुद्गर है।"

इन्हीं की शक्ति पर तीनों लोक टिके हुए हैं। विष्णु पत्नी सारे जगत की अधिष्ठात्री ब्रह्म स्वरूप हैं। तंत्र में शक्ति के इसी रूप को श्री बगलामुखी महाविद्या कहा गया है।
इनका आविर्भाव प्रथम युग में बताया गया है।



बगलामुखी महाविद्या दस महाविद्याओं में से एक हैं। इन्हें ब्रह्मास्त्र विद्या, षड्कर्माधार विद्या, स्तम्भिनी विद्या, त्रैलोक्य स्तम्भिनी विद्या आदि नामों से भी जाना जाता है। माता बगलामुखी साधक के मनोरथों को पूरा करती हैं। जो व्यक्ति मां बगलामुखी की पूजा-उपासना करता है, उसका अहित या अनीष्ट चाहने वालों का शमन स्वतः ही हो जाता है। मां भगवती बगलामुखी की साधना से व्यक्ति स्तंभन, आकर्षण, वशीकरण, विद्वेषण, मारण, उच्चाटन आदि के साथ अपनी मनचाही कामनाओं की पूर्ति करने में समर्थ होता है।

आज मै यहा बगलामुखी माता का एक अचुक वशीकरण प्रयोग दे रहा हूं। यह साधना प्रयोग अत्यंत तिष्ण है,इसका वार कभी खाली नही जाता है,यह बहोत साधको का अनुभव है। इसमें बगलामुखी वशीकरण यंत्र और माला साधक के पास होना आवश्यक है। इस साधना को किसी भी पक्ष के मंगलवार से कर सकते है परंतु होली/ग्रहण/दीपावाली/दशेहरा/बगलामुखी जयंती पर यह विधान करने से शिघ्र सफलता मिलता है। इस साधना को पुरुष/महिलाएं कर सकते है। साधना रात्रिकालीन है,इसमे रोज 11 माला जाप कार्यपुर्ती होने तक करें।





साधना विधि:-


साधक को माता बगलामुखी की पूजा में पीले वस्त्र धारण करना चाहिए।रात्रि मे स्नान करके उत्तर दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठें। चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवती बगलामुखी का चित्र और वशीकरण यंत्र स्थापित करें। इसके बाद आचमन कर हाथ धोएं। आसन पुजन,घी का दीप प्रज्जवलन के बाद हाथ में पीले चावल(हल्दि से रंगे हुए), हरिद्रा, पीले फूल और दक्षिणा लेकर इस प्रकार संकल्प करें-


।।ॐ  विष्णुर्विष्णुर्विष्णु: अद्य……(अपने गोत्र का नाम) गोत्रोत्पन्नोहं ……(नाम) नाम: मम प्रिय अमुक(जिसका वशीकरण करना है,उसका नाम) व्यक्ति विशेष वशीकरण हेतु बगलामुखी वशीकरण मंत्र जाप एवं पूजनमहं करिष्ये।तदगंत्वेन अभीष्टनिर्वघ्नतया सिद्ध्यर्थं आदौ: गणेशादयानां पूजनं करिष्ये ।।


इसके बाद भगवान श्रीगणेश का पूजन करें।नीचे लिखे मंत्रों से मंत्र बोलते हुए मानसिक रुप से गौरी आदि षोडशमातृकाओं का पूजन करें-


गौरी पद्मा शचीमेधा सावित्री विजया जया।
देवसेना स्वधा स्वाहा मातरो लोक मातर:।।
धृति: पुष्टिस्तथातुष्टिरात्मन: कुलदेवता।
गणेशेनाधिकाह्योता वृद्धौ पूज्याश्च षोडश।।

इसके बाद यंत्र और चित्र पर गंध, चावल व फूल अर्पित करें ।



अब देवी का हाथ जोड़कर ध्यान करें इस प्रकार…..

सौवर्णामनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लसिनीम्हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणैव्याप्तांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तम्भिनौ चिन्तयेत ।।



तत्पश्चात इस मंत्र का जप करते हुए देवी बगलामुखी का आवाहन करें-

नमस्ते बगलादेवी जिह्वा स्तम्भनकारिणीम्।
भजेहं शत्रुनाशार्थं मदिरा सक्त मानसम्।।




आवाहन के बाद उन्हें एक फूल अर्पित कर आसन प्रदान करें और जल के छींटे देकर स्नान करवाएं व अब इस प्रकार से बगलामुखी वशीकरण यंत्र पूजन करें-

गंध- ॐ बगलादेव्यै नम: गंधाक्षत समर्पयामि।
मंत्र का उच्चारण करते हुए बगलामुखी देवी को पीला चंदन/हल्दि लगाएं ।

पुष्प- ॐ बगलादेव्यै नम: पुष्पाणि समर्पयामि।
मंत्र का उच्चारण करते हुए बगलामुखी देवी को पीले फूल चढ़ाएं।

धूप- ॐ बगलादेव्यै नम: धूपंआघ्रापयामि।
मंत्र का उच्चारण करते हुए बगलामुखी देवी को धूप दिखाएं।

दीप- ॐ बगलादेव्यै नम: दीपं दर्शयामि।
मंत्र का उच्चारण करते हुए बगलामुखी देवी को दीपक दिखाएं।

नैवेद्य- ॐ बगलादेव्यै नम: नैवेद्य निवेदयामि।
मंत्र का उच्चारण करते हुए बगलामुखी देवी को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।



अब इस प्रकार प्रार्थना करें-

जिह्वाग्रमादाय करणे देवीं, वामेन शत्रून परिपीडयन्ताम्।
गदाभिघातेन च दक्षिणेन पीताम्बराढ्यां द्विभुजां नमामि।।



बगलामुखी वशीकरण मंत्र:-

।। ॐ बगलामुखी सर्व स्त्री ह्रदयं मम् वश्यं कुरू ऐं ह्रीं  स्वाहा ।।

om bagalaamukhi sarv stree hridayam mam vashyam kuru aim hreem swaahaa



इस मंत्र मे "सर्व" के जगह पर उस व्यक्ति का नाम लेना है,जिसका आप वशीकरण करना चाहते है। कोई स्त्री किसी पुरुष को वशीकरण करना चाहती हो तो मंत्र मे "स्त्री" के जगह पर "पुरुष" शब्द का उच्चारण करें।


इस तरहा से पुजन और मंत्र जाप करने से मनचाहे व्यक्ति का वशीकरण होता है। साधना के कुछ नियम है जिसे याद रखना जरुरी है। साधना काल मे ब्रम्हचैर्यत्व का पालन करे,झुट बोलने से बचे,जमिन पर ही गद्दी डालकर सोना है,हो सके तो साधना काल मे एक समय भोजन करे,किसी भी स्त्री/पुरुष के प्रती अच्छे नजर से देखे मतलब मन मे कामुकता ना आये। इन नियम को पालन करने से सफलता प्राप्त होता है। बगलामुखी वशीकरण यंत्र और माला के शक्ति से आपका कार्य शिघ्र होना सम्भव है।




अब देवि से क्षमा प्रार्थना करें-

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।।
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे।।






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