भैरव तीव्र वशीकरण सम्मोहन प्रयोग
भैरव तीव्र वशीकरण सम्मोहन प्रयोग
नौकरी, व्यापार, जीवन में कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं कि आप चाह कर भी किसी को अपनी बात स्पष्ट नहीं कर पाते। ऐसे कई लोग हैं जिनको इस बात का दुःख होता है कि जीवन में उन्हें ‘चांस’ नहीं मिला। अक्सर लोग इस बात को कहते हैं कि – उसे अपनी बात कहने का अवसर ही प्राप्त नहीं हुआ, इसलिये काम नहीं हुआ।
जीवन में आने वाले अवसरों अर्थात् ‘चांस’ को सुअवसर में बदलने के लिये सम्पन्न करें भगवान भैरव का यह अति विशिष्ट वशीकरण प्रयोग। जिसको सम्पन्न करने के पश्चात् आप जिस किसी को भी अपने वश में करना चाहते हैं अथवा अपनी बात को उसके सामने स्पष्ट करना चाहते हैं कर सकते हैं। यह प्रयोग बालक-वृद्ध, स्त्री-पुरुष किसी पर भी सम्पन्न किया जा सकता है। भगवान भैरव का तंत्र वशीकरण प्रयोग कोई टोटका नहीं बल्कि शुद्ध तंत्र प्रयोग है जिसका प्रभाव तत्काल रूप से देखा जा सकता है।
जीवन में आने वाले अवसरों अर्थात् ‘चांस’ को सुअवसर में बदलने के लिये सम्पन्न करें भगवान भैरव का यह अति विशिष्ट वशीकरण प्रयोग। जिसको सम्पन्न करने के पश्चात् आप जिस किसी को भी अपने वश में करना चाहते हैं अथवा अपनी बात को उसके सामने स्पष्ट करना चाहते हैं कर सकते हैं। यह प्रयोग बालक-वृद्ध, स्त्री-पुरुष किसी पर भी सम्पन्न किया जा सकता है। भगवान भैरव का तंत्र वशीकरण प्रयोग कोई टोटका नहीं बल्कि शुद्ध तंत्र प्रयोग है जिसका प्रभाव तत्काल रूप से देखा जा सकता है।
साधना विधान
तंत्र वशीकरण प्रयोग किसी भी रविवार अथवा मंगलवार को सम्पन्न किया जा सकता है।
यह रात्रिकालीन प्रयोग है जिसे रात्रि में 10 बजे के बाद ही सम्पन्न करना चाहिए।
इस प्रयोग हेतु मंत्रसिद्ध प्राण प्रतिष्ठायुक्त ‘भैरव वशीकरण गुटिका’ तथा ‘काली हकीक माला’ की आवश्यकता होती है।
रात्रि में साधक स्नान, ध्यान कर किसी शांत स्थान पर बैठकर यह साधना सम्पन्न करें। साधना स्थल को पहले से ही साफ-स्वच्छ कर लें।
भैरव का यह प्रयोग उत्तर दिशा की ओर मुख करके सम्पन्न करना चाहिए।
अपने सामने एक बाजोट पर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर एक पीपल का पत्ता रखें। पत्ते पर कुंकुम से उस व्यक्ति के नाम का प्रथम अक्षर लिख दें जिसे आप वशीभूत करना चाहते हैं।
इसके पश्चात् इस पत्ते पर ‘भैरव वशीकरण गुटिका’ स्थापित कर दें।
गुटिका का संक्षिप्त पूजन कुंकुम, अक्षत, पुष्प इत्यादि से करें तथा धूप, दीप प्रज्जवलित कर लें।
इसके पश्चात् काली हकीक माला से निम्न मंत्र की 3 माला मंत्र जप करें।
ॐ नमो रुद्राय कपिलाय भैरवाय त्रिलोक-नाथाय ह्रीं फट् स्वाहा।
मंत्र जप समाप्ति के पश्चात् गुटिका पर 21 लौंग अर्पित करते हुए उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करें। इस प्रकार भैरव वशीकरण प्रयोग सम्पन्न होता है। प्रयोग समाप्ति के पश्चात् समस्त सामग्री को उसी लाल वस्त्र में बांधकर प्रातः किसी चौराहे पर रख दें।
तंत्र वशीकरण प्रयोग किसी भी रविवार अथवा मंगलवार को सम्पन्न किया जा सकता है।
यह रात्रिकालीन प्रयोग है जिसे रात्रि में 10 बजे के बाद ही सम्पन्न करना चाहिए।
इस प्रयोग हेतु मंत्रसिद्ध प्राण प्रतिष्ठायुक्त ‘भैरव वशीकरण गुटिका’ तथा ‘काली हकीक माला’ की आवश्यकता होती है।
रात्रि में साधक स्नान, ध्यान कर किसी शांत स्थान पर बैठकर यह साधना सम्पन्न करें। साधना स्थल को पहले से ही साफ-स्वच्छ कर लें।
भैरव का यह प्रयोग उत्तर दिशा की ओर मुख करके सम्पन्न करना चाहिए।
अपने सामने एक बाजोट पर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर एक पीपल का पत्ता रखें। पत्ते पर कुंकुम से उस व्यक्ति के नाम का प्रथम अक्षर लिख दें जिसे आप वशीभूत करना चाहते हैं।
इसके पश्चात् इस पत्ते पर ‘भैरव वशीकरण गुटिका’ स्थापित कर दें।
गुटिका का संक्षिप्त पूजन कुंकुम, अक्षत, पुष्प इत्यादि से करें तथा धूप, दीप प्रज्जवलित कर लें।
इसके पश्चात् काली हकीक माला से निम्न मंत्र की 3 माला मंत्र जप करें।
ॐ नमो रुद्राय कपिलाय भैरवाय त्रिलोक-नाथाय ह्रीं फट् स्वाहा।
मंत्र जप समाप्ति के पश्चात् गुटिका पर 21 लौंग अर्पित करते हुए उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करें। इस प्रकार भैरव वशीकरण प्रयोग सम्पन्न होता है। प्रयोग समाप्ति के पश्चात् समस्त सामग्री को उसी लाल वस्त्र में बांधकर प्रातः किसी चौराहे पर रख दें।
ये दोनों प्रयोग सिद्ध सरल प्रयोग हैं, जीवन में जब भी स्थिति प्रतिकूल हो अर्थात् शत्रु बाधा बढ़ती ही जा रही हो, अनावश्यक वाद-विवाद बढ़ता ही जा रहा हो तो यह प्रयोग अवश्य करना चाहिये, निरन्तर कार्य सिद्धि के लिये अपने आपको स्थापित करने के लिये व्यक्ति विशेष को पूर्ण अनुकूल बनाने के लिये यह साधना प्रयोग अवश्य सम्पन्न करें।
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