ग्रहण और गुप्त नवरात्रि मंत्र साधना.

ग्रहण और गुप्त नवरात्रि मंत्र साधना.



अब समय इतना बदल गया के एक आर्टिकल लिखना है तो बहोत ज्यादा सोच समझकर लिखना पड़ता है,इंसान जब पैदा होता है तो उसका वजन ढाई किलो के आसपास होता है और मृत्यु के बाद भी जब हड्डियों को सिमटकर जल में बहाया जाता है तब भी उसका वजन ढाई किलो के आसपास ही होता है । जब पूरी जिंदगी घिस गई कुछ ना कुछ पाने में तो अब आप ही सोचो "क्या पाया और क्या खोया",अब तो थोड़ा समय निकालकर भगवान के चिंतन में भी लगा दो,शायद तुम्हारे जीवन मे कुछ अच्छा हो ।

3 जुलाई को गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होने वाली है और ठीक उसके एक दिन पूर्व 2 तारीख को रात्रि में पूर्ण सूर्य ग्रहण है,ग्रहण एक ब्रम्हाण्डिय घटना है इसलिए वह किसी भी देश मे हो उसका असर सम्पूर्ण पृथ्वी लोक पर होता है । आवश्यक मंत्र साधना से जीवन के कमियों को पूर्ण करने हेतु इस गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ भगवती जगदंबा की आराधना की जाती है । ऐसा मौका कभी कभी मिलता है के नवरात्र के एक दिन पूर्व ग्रहण काल मे मंत्र सिद्धि करे और दूसरे दिन से 9 दिनों तक मंत्र जाप करके स्वयं को जीवन मे उन्नति के ओर आगे बढ़ाए ।

साधना सामग्री-100 ग्राम कुंकुम,एक नारियल, मौली (कलावा or पंच रंगी धागा), कपूर,धूपबत्ती,मातारानी का चित्र,तील का तेल दीपक जलाने हेतु,आसन-लाल,वस्त्र-लाल ।

साधना विधि-सर्वप्रथम मातारानी का चित्र लाल वस्त्र पर किसी बाजोट पर स्थापित करे,ठीक चित्र के सामने कुंकुम की ढेरी बनाये,नारियल को छील कर सिर्फ उसका गोला रखे,गोले पर नारियल के तीन आंखे होती है जिसका हमे त्रिशक्ति के रूप में पूजन सम्पन्न करना है,पूजन करते समय हर आंख पर सिंदूर चढ़ाए,तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करे, धूपबत्ती जलाए और मौली को नारियल के गोले को बांध देना है । यह हो गयी पूजन की विधि अब आगे आपको किसी भी प्रकार के माला से नवरात्र में 11 माला जाप रात्रि के किसी भी समय करना है,मुख पच्छिम दिशा के तरफ करके जाप करे,मंत्र सिद्धि हेतु ग्रहण काल मे 21 माला मंत्र जाप करे ।

मंत्र-
( मंत्र Whatsapp पर दिया जाएगा no. है +91-7499778160)

मंत्र की गोपनीयता बनाये रखना मेरे लिए सर्वोपरि कार्य है इसलिए मंत्र व्हाट्सएप पर आप प्राप्त कर सकते हो,जो निःशुल्क है ।

दसवें दिन साधना सामग्री को नदी या तालाब में विसर्जित करना है और मातारानी का चित्र,माला को आप हमेशा संभाल कर रखिए ।

साधना के लाभ-
1-मनोकामना पूर्ति
2-रोग निवारण
3-वशीकरण
4-विवाह होता है
5-नॉकरी प्राप्त होती है
6-भगवती की कृपा
7-धनलाभ.

इससे भी ज्यादा लाभ इस साधना से अवश्य प्राप्त हो सकते है,इसलिए इस साधना को अवश्य ही संपन्न करे ।

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